पाकिस्तान में एक बार फिर धरती कांपी और लोगों के बीच डर का माहौल बन गया। मंगलवार दोपहर को पश्चिम पाकिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। भूकंप विज्ञान विभाग (एनसीएस) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.6 मापी गई। दोपहर 1 बजकर 26 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था, जिसका अक्षांश 29.12 उत्तर और देशांतर 67.26 पूर्व दर्ज किया गया।
इस झटके से पहले भी पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शनिवार, 10 मई को भी क्वेटा के पास 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। यह झटका सुबह 1 बजकर 44 मिनट पर दर्ज किया गया। वहीं, इससे पहले सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को भी 4.2 तीव्रता का भूकंप पाकिस्तान में दर्ज किया गया था। यह सिलसिला बताता है कि इस क्षेत्र में लगातार भूकंपीय गतिविधियां तेज हो रही हैं।
भूकंप क्यों आते हैं, इसका कारण टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल होती है। पृथ्वी की सतह के नीचे कुल 7 बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो लगातार खिसकती और टकराती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं या इनमें तनाव उत्पन्न होता है, तो वह ऊर्जा सतह पर भूकंप के रूप में महसूस होती है। इससे मकानों को नुकसान होता है और जनहानि की आशंका बढ़ जाती है।
भारत की बात करें तो देश का करीब 59 प्रतिशत हिस्सा भूकंप संभावित क्षेत्रों में आता है। भूगर्भ वैज्ञानिकों ने भारत को चार भूकंप जोनों—जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 में बांटा है। इनमें जोन-5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती है, जहां 7 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप आने की आशंका रहती है। ऐसे में सतर्कता और जागरूकता ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।
Read Also: विराट कोहली के संन्यास लेने से इस खिलाड़ी की किस्मत चमकी! अब टीम इंडिया में जगह होगी पक्की