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स्वार्थ के लिए दूसरी शादी कर रहे मुस्लिम…इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, बोले- कुरान का कर रहे दुरुपयोग

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिमों के बहुविवाह पर बड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने एक आवेदक के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि उसकी दूसरी शादी अवैध है।

Allahabad High Court
inkhbar News
  • May 15, 2025 10:55 am Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिमों के बहुविवाह पर बड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने एक आवेदक के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि उसकी दूसरी शादी अवैध है। हाईकोर्ट ने कहा कि- अगर कोई मुस्लिम पुरुष पहली शादी इस्लामिक कानून के मुताबिक करता है तो दूसरी, तीसरी या चौथी शादी शुन्य नहीं होगी। कुरान में खास कारणों से बहुविवाह की इजाजत दी गई है लेकिन इसका उपयोग मुस्लिम अपने स्वार्थ के लिए कर रहे हैं।

सामान व्यवहार रखो

हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी मुरादाबाद से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए की है। कोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम पुरुष को तब तक दूसरी शादी करने का अधिकार नहीं है, जब तक कि वह अपनी सभी पत्नियों के साथ समान व्यवहार करने की क्षमता न रखता हो। इस्लाम में कुरान ने खास कारणों से बहुविवाह की अनुमति दी है। इस्लामी युग में विधवाओं और अनाथों की रक्षा के लिए कुरान के तहत बहुविवाह की सशर्त अनुमति दी गई है। लेकिन पुरुष अपने स्वार्थ के लिए इसका दुरुपयोग करते हैं।

जानिए क्या है मामला

कोर्ट ने याचिकाकर्ता फुरकान और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए यह बात कही। याचिकाकर्ता फुरकान ने बिना किसी को बताए दूसरी शादी कर ली है। जबकि वह पहले से शादीशुदा है, उसने इस शादी के दौरान बलात्कार किया। याचिकाकर्ता फुरकान के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला ने खुद स्वीकार किया है कि उसने उसके साथ संबंध बनाने के बाद उससे शादी की।

 

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