Kalava Bandhne Ke Niyam: हिंदू धर्म में कलावा बांधने का विशेष महत्व है। घर में कोई पूजा हो या फिर हवन तो पंडित जी हाथ में कलावा जरूर बांधते हैं। ऐसा कहा जाता है कि कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कई बार लोग एकबार कलावा बांधने के बाद महीनों तक इसे पहने रहते हैं लेकिन यह सही नहीं है। एस्ट्रो एक्सपर्ट अरुण बंसल ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि कलावा कितने दिन बांधकर रखना चाहिए।
एस्ट्रो एक्सपर्ट अरुण अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताते हैं कि कलावा को 11 दिनों तक हाथ में बांधना चाहिए। इसके बाद आपको नया कलावा बांधना चाहिए। कलावा एक समान ऊर्जा चक्र में काम करता है।
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प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, कलावा में पहले 11 दिनों तक दैवीय ऊर्जा होती है, जो एक सुरक्षात्मक आभा बनाती है। यह सकारात्मकता बनाए रखता है। इसके बाद यह आध्यात्मिक रूप से निष्क्रिय हो जाता है। आपकी कलाई पर बस एक धागा रह जाता है। इतना ही नहीं, फिर यह लाल धागा नकारात्मक ऊर्जा को सोखने लगता है, जिससे आपकी आभा कम हो जाती है। जिससे आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अरुण बंसल अपनी पोस्ट में बताते हैं कि रक्षा सूत्र यानी कलावा हर दिन एक ही कपड़ा पहनने जैसा है। एक समय के बाद इसकी ताजगी खत्म हो जाती है। इसमें धूल जमने लगती है, जिससे बदबू आने लगती है। इसलिए रक्षा सूत्र को कलाई पर 11 दिनों तक ही बांधना चाहिए।
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