बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी आवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई आतंकवाद विरोधी कानून के तहत की गई है। सरकार के इस फैसले के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, यह निर्णय अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। बैठक के दौरान इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल कानून में भी अहम संशोधन किए गए, जिससे अब किसी भी राजनीतिक दल और उसके नेताओं पर कानूनी कार्रवाई करना संभव हो सकेगा।
सरकार का कहना है कि आवामी लीग पर यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा, जब तक कि इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल में चल रहे मामलों का निपटारा नहीं हो जाता। अंतरिम सरकार ने साफ किया है कि यह फैसला पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत और आतंकवाद विरोधी कानून के अंतर्गत लिया गया है।
इस फैसले का आवामी लीग ने कड़ा विरोध किया है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह कदम लोकतंत्र के खिलाफ है और सरकार की दमनकारी नीति का प्रतीक है। पार्टी ने मांग की है कि प्रतिबंध को तुरंत वापस लिया जाए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल किया जाए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले का असर बांग्लादेश की आगामी राजनीतिक प्रक्रिया और चुनावी माहौल पर गहराई से पड़ेगा। हालांकि सरकार का कहना है कि देश की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।
फिलहाल, बांग्लादेश की राजनीति में इस निर्णय को लेकर चर्चाएं तेज हैं और देशभर में इसकी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।