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भारत के ऑपरेशन सिंदूर में कंधार प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड रऊफ अजहर मारा गया, पाकिस्तान में मातम!

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के मिसाइल स्ट्राइक में आतंकी रउफ अजहर मारा गया है। रउफ अजहर कंधार प्लेन हाईजैक का मास्टरमाइंड था और अमेरिका के भी मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।

Rauf azhar
inkhbar News
  • May 8, 2025 2:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानो पर मिसाइल स्ट्राइक किया था। अब इस ऑपरेशन से जुड़ी सबसे बड़ी खबर सामने आई है।ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी रऊफ अजहर की मौत हो गई है। रऊफ असगर IC-814 प्लेन हाई जैक जिसे कंधार प्लेन हाई जैक के नाम से जाना जाता है उसका मास्टरमाइंड था।

C-814 हाईजैक: 7 दिन तक चला खौफनाक आतंक

24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814, जो काठमांडू (नेपाल) से दिल्ली आ रही थी, को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया। विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर सवार थे। यह भारत के इतिहास की सबसे लंबी और भयावह हाईजैक घटनाओं में से एक थी जिसमें सात दिनों तक हाईजैकर्स से बात चली थी। जैसे ही विमान भारतीय वायुसीमा में पहुंचा, आतंकवादियों ने कॉकपिट पर कब्जा कर लिया और पायलट को अफगानिस्तान के काबुल की ओर उड़ान भरने का आदेश दिया। रास्ते में विमान अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए अंत में अफगानिस्तान के कंधार में उतारा गया, जहां उस वक्त तालिबान का नियंत्रण था।

लाहौर और दुबई में रुकावटें

पाकिस्तानी अधिकारियों ने लाहौर में बिना अनुमति के विमान को उतरने दिया और उसे ईंधन भी भरवाया। इसके बाद दुबई में 27 यात्रियों—ज्यादातर महिलाएं और बच्चे को छोड़ दिया गया। साथ ही, एक यात्री रूपिन कात्याल की मृत देह भी उतारी गई, जिनकी हत्या आतंकियों से झड़प के दौरान कर दी गई थी।

कंधार में बातचीत और सौदा

25 दिसंबर को विमान कंधार पहुंचा। वहां तालिबान ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई। आतंकियों ने भारत सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं—36 आतंकवादियों की रिहाई, 200 मिलियन डॉलर की फिरौती और मारे गए आतंकी सज्जाद अफगानी का शव। लंबी बातचीत के बाद भारत सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए तीन आतंकियों—मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर—की रिहाई का फैसला लिया। 31 दिसंबर 1999 को इन आतंकियों को कंधार ले जाकर सौंपा गया, जिसके बाद सभी बंधकों को सुरक्षित रिहा कर दिया गया। बाद में विशेष विमान से यात्रियों को भारत वापस लाया गया।

कंधार हाईजैक में अब्दुल रऊफ अजहर की भूमिका

इस हाइजैक की साजिश जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ अजहर ने रची थी। वह हरकत-उल-मुजाहिदीन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर ऑपरेशन का मास्टरमाइंड बना। काठमांडू से हाइजैक की योजना बनाई गई, और उसमें रऊफ ने अपने भाई इब्राहिम अतहर समेत बाकी आतंकियों के साथ तालमेल बैठाया। रऊफ की भूमिका मुख्य रूप से रणनीति बनाने, निर्देश देने और समन्वय करने की थी। इस घटना के बाद भी वह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अभियानों में सक्रिय रहा, इसके बाद भारत की ‘मोस्ट वांटेड’ लिस्ट में शामिल कर लिया गया। अमेरिका ने भी उसे मोस्ट वांटेड माना.

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